शिक्षा ही प्रगति का साधन: नीतीश कुमार ने किया स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में बदलाव का ऐलान

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बिहार सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना (SCCY) के तहत मिलने वाले शिक्षा ऋण पर छात्रों को किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा। इसके साथ ही, पढ़ाई पूरी होने के बाद ऋण चुकाने की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। इस कदम से राज्य के लाखों छात्रों और उनके परिवारों को सीधी राहत मिलेगी।

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 2016 में की गई थी। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया था। योजना का मुख्य उद्देश्य यह था कि कोई भी छात्र-छात्रा आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े। इसके तहत छात्रों को अधिकतम चार लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, जिसका उपयोग वे इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, तकनीकी और अन्य उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए कर सकते हैं। अब तक लाखों छात्रों ने इस योजना का लाभ उठाकर अपनी पढ़ाई पूरी की है और बेहतर करियर की ओर कदम बढ़ाए हैं।

पहले इस योजना के तहत छात्रों को आंशिक ब्याज सब्सिडी मिलती थी, लेकिन उन्हें कुछ प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता था। अब नए फैसले के बाद यह ऋण पूरी तरह ब्याज मुक्त हो गया है। यानी छात्रों को केवल उतनी ही राशि लौटानी होगी, जितना उन्होंने उधार लिया है। इसके अलावा, किस्त चुकाने की अवधि बढ़ने से उन्हें पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी खोजने और आर्थिक रूप से स्थिर होने का पर्याप्त समय मिलेगा। यह बदलाव खासकर ग्रामीण और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत है।

फैसले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा ही समाज और राज्य को आगे बढ़ाने का सबसे बड़ा साधन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि बिहार का कोई भी युवा पैसों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े। ब्याज मुक्त ऋण से छात्रों को पढ़ाई के बाद अतिरिक्त दबाव नहीं झेलना पड़ेगा और वे निश्चिंत होकर अपने भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

इस फैसले से छात्रों और अभिभावकों में खुशी का माहौल है। छात्रों का कहना है कि अब वे महंगे कोर्स करने से पीछे नहीं हटेंगे, जबकि अभिभावकों को इस बात की राहत है कि उन्हें ब्याज की टेंशन नहीं झेलनी पड़ेगी। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और अधिक से अधिक छात्र उच्च शिक्षा की ओर आकर्षित होंगे।

योजना की अब तक की उपलब्धियों पर नजर डालें तो 2016 से लेकर अब तक लाखों छात्रों को इससे फायदा मिला है। सबसे अधिक आवेदन इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स के लिए आए हैं। इस योजना की मदद से ग्रामीण पृष्ठभूमि के हजारों छात्र उच्च शिक्षा तक पहुंचे हैं। यह योजना न सिर्फ शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में सहायक रही है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभा रही है।

हालांकि विपक्ष ने इस फैसले को चुनावी रणनीति बताया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे राज्य के भविष्य में निवेश मान रहे हैं। उनका कहना है कि ब्याज मुक्त ऋण से बिहार में उच्च शिक्षा का दायरा और व्यापक होगा और लंबे समय में यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।

कुल मिलाकर, बिहार सरकार का यह फैसला राज्य के युवाओं के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। ब्याज मुक्त ऋण और बढ़ी हुई किस्त अवधि से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और वे बिना किसी आर्थिक दबाव के अपने करियर को आगे बढ़ा सकेंगे। यह बदलाव बिहार के शिक्षा परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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