पतित पावनी मां यमुना के संरक्षण और जन-जागरूकता के लिए ‘यमुना संसद’ का आयोजन
दिल्ली। राजधानी दिल्ली के वासुदेव घाट पर इस वर्ष 2 और 3 नवंबर को भव्य यमुनोत्सव 2025 आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मां यमुना के प्रति लोगों की आस्था बनाए रखना और नदी संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता फैलाना है।
आयोजन की तैयारियों को लेकर रविवार को नंगली पूना स्थित त्रिवेणी सेवा मिशन, विश्व रामायण आश्रम राष्ट्र मंदिर में बैठक हुई। इसमें ‘यमुना संसद’ के संयोजक रविशंकर तिवारी और राष्ट्र मंदिर के संस्थापक अजय भाई ने कहा—
“पतित पावनी मां यमुना सालभर स्वच्छ, निर्मल और अविरल बहे, इसके लिए समाज को मिलकर संकल्प लेना होगा।”
पहले दिन की झलकियां (2 नवंबर)…
- 1100 महिलाएं भव्य कलश यात्रा निकालेंगी
- यमुनोत्री और मथुरा के पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जल यज्ञ
- यमुनोत्री से विशेष रूप से लाया गया जल
- पूरे दिन नुक्कड़ नाटक और यमुना प्रदर्शनी
- शाम को अजय भाई की यमुना कथा
दूसरे दिन का कार्यक्रम (3 नवंबर)….
- यमुना कॉन्क्लेव: नदी और पर्यावरण विभाग के प्रोफेसरों की भागीदारी
- केंद्र और दिल्ली सरकार के जल एवं पर्यावरण मंत्री होंगे आमंत्रित
- शाम को होगी भव्य यमुना आरती
समाज का व्यापक सहयोग….
आयोजन समिति ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि इसमें सरकार, सामाजिक संस्थाएं, धार्मिक संगठनों, राजनीतिक हस्तियों, व्यापार जगत और आम नागरिकों का सहयोग रहेगा।
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोगों में विधायक राजकुमार भाटिया, ऋचा पांडेय मिश्रा, रवींद्र गुप्ता, श्याम सुंदर अग्रवाल, राजपाल राणा, नेपाल के पूर्व सांसद केडिया, बलदेव गुप्ता, चंद्रभूषण गुप्ता, जगमोहन गोटेवाला, देवराज बावेजा, सुरेंद्र मोहन गुप्ता, त्रिलोक गोयनका, अभिषेक गनेड़ीवाला, डॉ. प्रवीण शर्मा, सुरेंद्र बिधूड़ी, डीयू के प्रोफेसर डॉ. वेद प्रकाश, थान सिंह यादव, संतोष शुक्ला समेत कई गणमान्य लोग शामिल रहे।
यमुनोत्सव का महत्व…
यमुनोत्सव का मकसद केवल पूजा-अर्चना नहीं है, बल्कि नदी संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संतुलन के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ावा देना है। आयोजकों का कहना है कि यह महोत्सव हर वर्ग की भागीदारी से सफल होगा और मां यमुना के प्रति श्रद्धा व संवेदना बनाए रखेगा।
