रेलवे कर्मचारियों में नाराज़गी: 8वें वेतन आयोग का गज़ट नोटिफिकेशन लटका, AIRF का 19 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी विरोध

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) की घोषणा हुए छह महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इसका गज़ट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। इससे देशभर में केंद्रीय कर्मचारियों, खासकर रेलवे कर्मियों के बीच गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है।

सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन एवं पेंशन ढांचे की समीक्षा कर नई सिफारिशें देने वाला है। हालांकि आयोग की Terms of Reference (ToR), अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। सरकार का कहना है कि विभिन्न मंत्रालयों – जैसे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT), रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय – से आवश्यक सुझाव और इनपुट मांगे गए हैं और अधिसूचना “उचित समय पर” जारी की जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि 7वें वेतन आयोग के गठन से अधिसूचना जारी होने में 156 दिन लगे थे, जबकि 8वें वेतन आयोग के मामले में यह अवधि अब 164 दिन पार कर चुकी है। यही वजह है कि कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

इसी पृष्ठभूमि में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फ़ेडरेशन (AIRF) ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक (28 अगस्त 2025) में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की। बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि 19 सितम्बर 2025 को देशभर के सभी रेलवे कर्मचारी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह विरोध शहीदों की याद में आयोजित होगा और शाखा स्तर पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम होंगे।

AIRF के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा, “सरकार का ध्यानाकर्षण कराने के लिए हमें यह कदम उठाना पड़ा है। हमारा विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण और स्वाभाविक होगा, लेकिन सरकार को भी चाहिए कि वह तुरंत गज़ट नोटिफिकेशन जारी करे और कर्मचारियों की नाराज़गी को दूर करे।”

रेलवे संगठनों का कहना है कि यदि समय रहते सरकार ने पहल नहीं की तो असंतोष और गहराएगा। कर्मचारियों का मानना है कि वेतन आयोग की रिपोर्ट और उसकी सिफारिशें यदि तय समय पर लागू नहीं होतीं तो इसका असर उनकी आय और भविष्य की पेंशन पर पड़ेगा।

संभावित असर और चुनौतियाँ

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट अगर समय पर आती, तो जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना थी। लेकिन मौजूदा देरी से यह प्रक्रिया खिसक सकती है और रिपोर्ट 2026 के मध्य या 2027-28 तक ही लागू हो पाएगी। इससे कर्मचारियों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।

इसके अलावा, आयोग के fitment factor को लेकर भी चिंता है। अनुमान है कि यह केवल 1.8 हो सकता है, जिससे वास्तविक वेतन वृद्धि महज़ 13% तक सीमित रहेगी। यह 7वें वेतन आयोग (fitment factor 2.57) की तुलना में काफी कम है। ऐसे में कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है और असंतोष और गहरा सकता है।

निष्कर्ष

रेलवे कर्मचारियों का यह विरोध आगामी हफ्तों में सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। कर्मचारियों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द गज़ट नोटिफिकेशन जारी करे ताकि आयोग औपचारिक रूप से काम शुरू कर सके। यदि देरी और बढ़ी, तो विरोध की तीव्रता और दायरा दोनों बढ़ सकते हैं।

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