उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित भव्य कार्यक्रम में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के 2,425 मुख्य सहायक (Chief Assistant) और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे। यह भर्ती पिछले 20 वर्षों में विभाग की सबसे बड़ी भर्ती मानी जा रही है।
कार्यक्रम का आयोजन और माहौल
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नियुक्त कर्मचारियों से अपेक्षा जताई कि वे अपनी नई जिम्मेदारी को एक मिशन की तरह निभाएँ और प्रदेश के बच्चों को बेहतर पोषण और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में योगदान दें। इस मौके पर विभागीय मंत्री बेबी रानी मौर्य और प्रतिभा शुक्ला भी मौजूद रहीं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के माध्यम से पारदर्शी और मेरिट-आधारित तरीके से की गई है।
विभाग की उपलब्धियाँ और हालिया सुधार
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग पिछले कुछ वर्षों में लगातार सशक्त हुआ है।
पिछले आठ वर्षों में 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई।
3,000 से अधिक सहायिकाओं को प्रमोशन दिया गया।
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय (honorarium) में वृद्धि हुई ।
182 मृत कर्मचारियों के आश्रितों को संवेदनशील नियुक्तियाँ (Compassionate Appointments) दी गईं।
320 मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित सेवा में स्थानांतरित किया गया।
इन कदमों के परिणामस्वरूप आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकताएँ और लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकार का लक्ष्य 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण दर घटाना, मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करना और आंगनबाड़ी केन्द्रों को आधुनिक बनाना है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि
बच्चों के पोषण संकेतकों (Nutrition Indicators) में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएँ।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में डिजिटल ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू करें।
गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को भी योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचे, इसकी व्यवस्था करें।
नई नियुक्तियों का प्रभाव
1. आंगनबाड़ी तंत्र होगा मज़बूत – मुख्य सहायकों की नियुक्ति से केन्द्रों के संचालन और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी।
2. दवा और पोषण प्रबंधन बेहतर होगा – फार्मासिस्टों के जुड़ने से दवाओं, पोषण-सप्लीमेंट्स और कुपोषण उपचार योजनाओं का वितरण अधिक व्यवस्थित हो सकेगा।
3. रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे – इतने बड़े पैमाने पर भर्ती से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और प्रदेश सरकार की मिशन रोज़गार योजना को मजबूती मिलेगी।
4. बच्चों और महिलाओं को लाभ – नियुक्त कर्मचारियों के जरिए बच्चों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच आसान होगी।
भविष्य की योजनाएँ
विभाग मिशन वत्सल्य और पोषण अभियान जैसी योजनाओं को और व्यापक स्तर पर लागू करेगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।
पोषण ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
आने वाले वर्षों में और भी भर्तियाँ व प्रमोशन किए जाने की संभावना है।
निष्कर्ष: बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में हुई यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की उस मंशा का हिस्सा है, जिसमें बच्चों के पोषण स्तर को सुधारना, मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना और आंगनबाड़ी व्यवस्था को सशक्त बनाना प्रमुख है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम विभाग को नई ऊर्जा देने के साथ-साथ प्रदेश में कुपोषण उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
