विशाखापत्तनम, 26 अगस्त 2025 — भारतीय नौसेना की ताकत आज और अधिक बढ़ गई है। देश के बेड़े में एक साथ दो अत्याधुनिक स्टेल्थ फ्रिगेट — INS उदयगिरि और INS हिमगिरि — शामिल हो गए हैं। दोनों युद्धपोतों को विशाखापत्तनम स्थित ईस्टर्न नेवल कमांड बेस पर भव्य समारोह में कमीशन किया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत नौसेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
क्या खास है इन जहाजों में
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को प्रोजेक्ट-17A (निलगिरि क्लास) के तहत तैयार किया गया है। ये जहाज आधुनिक स्टेल्थ डिजाइन, उन्नत सेंसर और अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस हैं।
इनका विस्थापन लगभग 6,600 टन है और लंबाई करीब 149 मीटर।
युद्धपोत 28 नॉट्स की रफ्तार से चल सकते हैं और लंबी दूरी तक मिशन पूरा करने में सक्षम हैं।
हथियारों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, Barak-8 वायु रक्षा प्रणाली, 127 मिमी की मुख्य तोप, एंटी-सबमरीन टॉरपीडो और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम शामिल हैं।
उन्नत रडार और सोनार सिस्टम इन्हें सतह से लेकर पनडुब्बी और हवाई खतरों तक का मुकाबला करने में सक्षम बनाते हैं।
निर्माण और स्वदेशी भागीदारी
INS उदयगिरि का निर्माण मुंबई स्थित Mazagon Dock Shipbuilders Ltd (MDL) में हुआ, जबकि INS हिमगिरि कोलकाता के Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE) में बना। यह पहली बार है जब अलग-अलग शिपयार्ड में बने दो फ्रिगेट एक साथ नौसेना में शामिल किए गए।
सबसे खास बात यह है कि इन जहाजों में 75% तक स्वदेशी उपकरण और तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूती मिली है और देश के कई MSMEs व घरेलू उद्योगों को रक्षा क्षेत्र में अवसर मिला है।
रणनीतिक महत्व
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच INS उदयगिरि और INS हिमगिरि का शामिल होना भारत की समुद्री शक्ति को और मजबूत करेगा। ये जहाज ‘ब्लू वॉटर नेवी’ की अवधारणा को बल देते हैं, यानी भारतीय नौसेना अब लंबी दूरी तक समुद्र में अभियानों को अंजाम देने में और सक्षम हो गई है।
इनकी क्षमताएं नौसेना को किसी भी सतह, हवा या पनडुब्बी से आने वाले खतरों का सामना करने में रणनीतिक बढ़त दिलाती हैं।
समारोह और संदेश
कमीशनिंग समारोह को रक्षा मंत्री ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सिर्फ नौसेना के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। इस मौके पर नौसेना प्रमुख ने भी कहा कि INS उदयगिरि और INS हिमगिरि भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण अभियान का प्रतीक हैं और आने वाले दशकों तक देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करेंगे।
