भारत–फिजी रिश्तों को नई ऊँचाई: पीएम मोदी बोले – “हमारी आकांक्षाएं एक ही नाव पर सवार”

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नई दिल्ली, 25 अगस्त 2025 — भारत और फिजी के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में सोमवार को एक अहम कदम उठाया गया। फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने भारत का आधिकारिक दौरा किया, जहाँ हैदराबाद हाउस में उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और समुद्री सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर सहमति बनी।

वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फिजी भले ही हजारों किलोमीटर दूर हों, लेकिन दोनों देशों की आकांक्षाएं और लक्ष्य “एक ही नाव पर सवार” हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत Indo-Pacific क्षेत्र को सुरक्षित, समावेशी और मुक्त बनाए रखने के लिए फिजी जैसे साझेदार देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

रक्षा और समुद्री सुरक्षा में साझेदारी

बैठक में दोनों देशों ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाने के लिए साझा कार्ययोजना पर सहमति जताई। भारतीय नौसेना और फिजी के बीच प्रशिक्षण व तकनीकी सहयोग की संभावनाओं को बल दिया गया। इसके साथ ही, समुद्री संसाधनों की सुरक्षा और आपसी क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया।

स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में पहल

भारत ने फिजी में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने का वादा किया है। सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों और चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सहमति बनी। साथ ही, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी नए सहयोगी प्रोजेक्ट्स की नींव रखी गई।

जलवायु और आपदा प्रबंधन

फिजी जैसे छोटे द्वीप देशों को जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं का सबसे ज्यादा खतरा है। इस संदर्भ में भारत ने आपदा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु-लचीली परियोजनाओं में सहयोग का आश्वासन दिया। यह कदम न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देगा बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र के लिए भी लाभकारी साबित होगा।

कृषि और बीज सहयोग

वार्ता में कृषि क्षेत्र को भी अहम स्थान मिला। भारत ने फिजी में उन्नत बीज और कृषि तकनीक उपलब्ध कराने की पेशकश की। इससे स्थानीय किसानों को लाभ होगा और फिजी की खाद्य सुरक्षा को बल मिलेगा।

सांस्कृतिक जुड़ाव और भारतीय डायस्पोरा

भारत और फिजी के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध बेहद गहरे हैं। भारतीय गिरमिटिया समुदाय ने फिजी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसी संबंध को सम्मान देते हुए दोनों नेताओं ने ‘Girmit Day’ का उल्लेख किया और इसे साझा इतिहास का प्रतीक बताया।

फिजी प्रधानमंत्री राबुका का दृष्टिकोण

फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने भारत की मेहमाननवाज़ी के लिए आभार जताया और कहा कि भारत–फिजी दोस्ती सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों और संस्कृतियों को जोड़ने वाला रिश्ता है। उन्होंने भारतीय समुदाय को फिजी की अर्थव्यवस्था और समाज के निर्माण में “अमूल्य योगदान” करने वाला बताया।

रणनीतिक महत्व

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत और फिजी का यह सहयोग Indo-Pacific क्षेत्र की रणनीतिक स्थिरता के लिए अहम है। भारत की “ग्लोबल साउथ” नीति और फिजी की भौगोलिक स्थिति दोनों देशों को स्वाभाविक साझेदार बनाती है।

निष्कर्ष

इस दौरे ने यह साफ कर दिया कि भारत और फिजी सिर्फ मित्र देश ही नहीं, बल्कि विकास, सुरक्षा और सांस्कृतिक साझेदारी के सहयात्री भी हैं। पीएम मोदी का “एक ही नाव” वाला बयान इन रिश्तों की गहराई और आने वाले समय में सहयोग के विस्तार का प्रतीक है।

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