वाशिंगटन/बर्लिन – रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध में अब सुलह की नई संभावना दिखाई दे रही है। जर्मनी के चांसलर फ्रिडरिख मर्ज ने बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की अगले दो हफ्तों में आमने-सामने की बैठक कर सकते हैं।
मर्ज का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन में ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से अहम वार्ता की। बताया जा रहा है कि ट्रंप ने खुद पुतिन से फोन पर बात कर इस मुलाक़ात के लिए “प्राथमिक बंदोबस्त” किए हैं।
ट्रंप की भूमिका और बातचीत की दिशा
व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक के दौरान ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को बताया कि उन्होंने पुतिन से सीधी बातचीत की है और अब रूसी व यूक्रेनी प्रतिनिधियों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता की तैयारी चल रही है। ट्रंप ने यहां तक कहा कि भविष्य में एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन (अमेरिका-रूस-यूक्रेन) की भी संभावना है।
क्रेमलिन ने भी पुतिन-ट्रंप कॉल की पुष्टि करते हुए कहा है कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन के साथ संवाद को “सीधे और गंभीर स्तर” पर आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।
यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया
जर्मन चांसलर फ्रिडरिख मर्ज ने कहा कि पुतिन-ज़ेलेंस्की की बैठक “दो हफ्तों में” संभव है, लेकिन इसके लिए “जगह तय करना और दोनों पक्षों को मनाना” अभी बाकी है।
यूरोपीय नेताओं ने इस पहल का स्वागत किया, लेकिन सावधानी बरतने की सलाह दी। उनका कहना है कि किसी भी शांति समझौते में यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा गारंटियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
चुनौतियाँ और सवाल
क्षेत्रीय मुद्दे: युद्ध में कब्ज़ा किए गए इलाक़ों को लेकर अभी भी सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
सुरक्षा गारंटी: यूक्रेन इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि भविष्य में रूस से किसी नए हमले की आशंका न रहे।
पुतिन के इरादे: कई विश्लेषक मानते हैं कि पुतिन की मंशा को लेकर भरोसा करना मुश्किल है क्योंकि अतीत में कई बार वार्ताएँ बीच में रुक चुकी हैं।
आगे की संभावनाएँ
तकनीकी स्तर पर वार्ता की जगह और तारीख तय करने पर काम तेज़ होगा।
शुरुआती बैठक द्विपक्षीय हो सकती है, लेकिन इसके बाद अमेरिका की भागीदारी से त्रिपक्षीय शिखर वार्ता की संभावनाएँ भी खुली हैं।
अगर बैठक तय हो जाती है तो यह युद्धविराम और स्थायी शांति प्रक्रिया की ओर पहला ठोस कदम साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की पहल कई बार विफल रही है। ऐसे में जर्मन चांसलर का यह दावा और ट्रंप की सक्रिय भूमिका एक नई उम्मीद जरूर जगाती है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार भी परिणाम तभी दिखेंगे जब दोनों पक्ष ठोस समझौते की दिशा में बढ़ेंगे।
