नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जीएसटी (Goods and Services Tax) ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। इस प्रस्तावित सुधार से आम लोगों की जेब को राहत मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक कई रोज़मर्रा की वस्तुओं और ज़रूरी सेवाओं पर टैक्स घटाने की योजना बनाई गई है, जिससे न सिर्फ घरेलू खर्च कम होगा बल्कि बाजार में खपत भी बढ़ सकती है।
किन चीज़ों पर होगा असर?
खाद्य पदार्थ और दवाइयां: ज़रूरी खाद्य वस्तुएं और दवाइयां 0% टैक्स के दायरे में लाई जा सकती हैं। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा।
बीमा प्रीमियम: वर्तमान में बीमा पर 18% जीएसटी लगता है। इसे घटाकर 5% या कुछ श्रेणियों में शून्य करने का प्रस्ताव है। इससे स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियां सस्ती हो जाएंगी।
इलेक्ट्रॉनिक और घरेलू उपकरण: टीवी, फ्रिज, एसी और वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों पर टैक्स घटाकर 18% किए जाने की योजना है। इससे इनकी कीमतों में कमी आ सकती है।
वाहन और निर्माण सामग्री: छोटे वाहनों और सीमेंट जैसे उत्पादों पर भी टैक्स घटाकर 18% किए जाने पर विचार चल रहा है, जिससे इनके दाम में गिरावट आ सकती है।
जीएसटी ढांचे में बड़ा बदलाव
सरकार मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर मुख्यतः दो स्लैब—5% और 18%—रखने की दिशा में काम कर रही है। लग्ज़री और हानिकारक वस्तुओं पर अलग से 40% तक का टैक्स लगाया जा सकता है। इससे जीएसटी सिस्टम और आसान हो जाएगा।
कब से लागू होंगे नए नियम?
जानकारी के अनुसार सरकार दिवाली तक इन सुधारों को लागू करने का रोडमैप तैयार करना चाहती है। हालांकि अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा, जिसके बाद ही नई दरें लागू की जाएंगी।
उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए मायने
उपभोक्ता बड़ी खरीदारी (जैसे टीवी, फ्रिज या गाड़ी) पर कुछ समय इंतजार करें तो उन्हें बेहतर कीमतों का फायदा मिल सकता है।
व्यापारियों और उद्योगों को अपनी प्राइसिंग और सप्लाई चेन नीति नए टैक्स ढांचे के अनुसार बदलनी होगी।
निष्कर्ष
जीएसटी सुधार का मकसद उपभोक्ताओं को राहत देना और बाजार में मांग को बढ़ावा देना है। बीमा, दवाइयों और खाद्य वस्तुओं पर टैक्स हटने तथा घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर टैक्स कम होने से आम आदमी को सीधा फायदा मिलेगा।
