नई दिल्ली — राजधानी दिल्ली के लोगों को जाम की समस्या से राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-II) का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली सेक्शन को भी राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लिया तैयारियों का जायजा
उद्घाटन से पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रोहिणी सेक्टर-37 और आसपास के इलाकों का दौरा कर सुरक्षा और कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह सड़क परियोजना दिल्ली की कनेक्टिविटी को नई दिशा देगी और पश्चिमी व दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के लिए यह एक गेम-चेंजर साबित होगी।
UER-II परियोजना की मुख्य बातें
कुल लंबाई: लगभग 76 किलोमीटर
संरचना: 6 लेन हाईवे + 6 सर्विस लेन
शुरुआती बिंदु: NH-44 (अलीपुर)
अंतिम बिंदु: महिपालपुर (NH-48)
लिंक मार्ग: सोनीपत व बहादुरगढ़ कनेक्टिविटी
लागत: लगभग ₹5,580 करोड़
द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन भी तैयार
प्रधानमंत्री मोदी आज द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से का भी उद्घाटन करेंगे।
लंबाई: 10.1 किलोमीटर
लागत: लगभग ₹5,360 करोड़
यह खंड शिव मूर्ति से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक बनाया गया है।
इसमें यशोभूमि, मेट्रो स्टेशन, बनने वाला बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर डिपो जैसे पॉइंट्स को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी दी गई है।
कितना आसान होगा सफर?
अभी सिंघू बॉर्डर से IGI एयरपोर्ट पहुंचने में जहां लगभग 2 घंटे लगते हैं, वहीं UER-II खुलने के बाद यह दूरी सिर्फ 40 मिनट में तय हो सकेगी।
नोएडा से IGI एयरपोर्ट की यात्रा समय में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
रिंग रोड और धौला कुआं जैसे व्यस्त मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा।
क्यों खास है UER-II?
दिल्ली के लिए यह एक बाहरी रिंग रोड (Outer Bypass) की तरह काम करेगी।
दिल्ली और NCR को जोड़ने वाला नया कॉरिडोर बनेगा।
भारी वाहन और मालवाहक ट्रैफिक को शहर से डायवर्ट करने में मदद मिलेगी।
ट्रैफिक जाम में कमी से ईंधन और समय की बचत होगी।
प्रदूषण कम करने में भी परियोजना सहायक होगी।
कार्यक्रम और ट्रैफिक एडवाइजरी
उद्घाटन समारोह रोहिणी क्षेत्र में आयोजित होगा। इस दौरान कुछ मार्गों पर डायवर्जन और विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी है।
निष्कर्ष
UER-II और द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन खुलने से राजधानी के सड़क नेटवर्क में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह न केवल दिल्ली-एनसीआर में यात्रा समय घटाएगा बल्कि प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी राहत दिलाएगा।
