बिहार को मिला ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा निवेश: अदाणी पावर लगाएगी 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट, 25,000 करोड़ से ज्यादा का होगा निवेश

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भागलपुर, बिहार | 7 अगस्त 2025 — बिहार में बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अदाणी पावर लिमिटेड को राज्य सरकार की तरफ से 2400 मेगावाट क्षमता वाले मेगा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के विकास और संचालन के लिए Letter of Intent (LoI) मिल चुका है। यह परियोजना राज्य के भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड में स्थापित की जाएगी, जो तकनीकी रूप से देश के सबसे उन्नत ताप विद्युत परियोजनाओं में से एक होगी।

परियोजना का अवलोकन

यह थर्मल पावर प्लांट तीन इकाइयों में विभाजित होगा, प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट होगी, जो मिलाकर कुल 2400 मेगावाट बिजली उत्पन्न करेगा। यह संयंत्र अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित होगा, जो पारंपरिक थर्मल संयंत्रों की तुलना में अधिक ईंधन दक्षता और कम कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करता है। इससे न केवल बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

निवेश और मॉडल

अदाणी समूह इस परियोजना में लगभग 3 अरब डॉलर यानी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा। परियोजना DBFOO मॉडल (Design, Build, Finance, Own & Operate) पर आधारित होगी, यानी कंपनी खुद डिज़ाइन बनाएगी, निर्माण करेगी, निवेश करेगी और उसके बाद इसका संचालन भी करेगी। यह अब तक का बिहार में निजी क्षेत्र द्वारा किया गया सबसे बड़ा ऊर्जा निवेश है, जिससे राज्य के औद्योगिक विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।

बिजली आपूर्ति और दरें

इस संयंत्र से उत्पादित 2,274 मेगावाट बिजली को उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार विद्युत वितरण कंपनियों (NBPDCL और SBPDCL) को दी जाएगी। अदाणी पावर की बोली ₹6.075 प्रति यूनिट रही, जो टेंडर में सबसे कम दर थी, और इसी वजह से कंपनी को अनुबंध प्रदान किया गया।

निर्माण और समयसीमा

परियोजना की पहली इकाई 48 महीनों के भीतर पूरी की जाएगी, जबकि बाकी इकाइयों के साथ पूर्ण परियोजना को 60 महीनों (5 साल) में चालू करने का लक्ष्य है। अदाणी समूह ने बताया है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही प्रारंभ हो चुकी है और पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आवश्यक दस्तावेज दाखिल किए जा चुके हैं।

रोजगार और सामाजिक प्रभाव

इस मेगा प्रोजेक्ट के माध्यम से निर्माण चरण के दौरान 10,000 से 12,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, वहीं संचालन शुरू होने पर लगभग 3,000 स्थायी रोजगार उत्पन्न होंगे। स्थानीय युवाओं को इस परियोजना में प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने की योजना है, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा। साथ ही, इस संयंत्र की स्थापना से आस-पास के क्षेत्रों में सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी ढांचे में भी सुधार की संभावनाएं हैं।

अदाणी समूह और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ एस. बी. ख्यालिया ने कहा,

> “बिहार की उभरती ऊर्जा ज़रूरतों को देखते हुए यह परियोजना न केवल राज्य की बिजली आपूर्ति को मज़बूत करेगी, बल्कि टिकाऊ विकास में भी योगदान देगी। हमारी प्रतिबद्धता है कि हम इस परियोजना को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करेंगे।”

वहीं, बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री ने कहा,

> “यह राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न सिर्फ बिजली संकट से राहत दिलाएगा बल्कि बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।”

भविष्य की दिशा

बिहार पहले से ही हरित ऊर्जा और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बीच संतुलन बनाकर चल रहा है। इस परियोजना से राज्य की बिजली व्यवस्था में स्थिरता आएगी और पड़ोसी राज्यों को भी बिजली आपूर्ति की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही, यह परियोजना अदाणी समूह के ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार की रणनीति का अहम हिस्सा है।

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