उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर: अवध, बुंदेलखंड और पूर्वी जिलों में तबाही, 400 से अधिक गांव जलमग्न

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लखनऊ | 7 अगस्त 2025

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। अवध, बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक 12 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।

402 गांवों में पानी, 84 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, प्रदेश के 17 जिलों में 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इसमें 84,392 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।

गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर और बहराइच में राप्ती और सरयू नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर है।

गोंडा में सरयू नदी खतरे के निशान से 43 सेमी ऊपर बह रही है।

बहराइच के एल्गिन ब्रिज पर पानी खतरे के स्तर से 40 सेमी ऊपर है।

प्राकृतिक आपदा से अब तक 12 मौतें

अलग-अलग जिलों में बारिश और बाढ़ के कारण अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें बच्चों की संख्या भी शामिल है।

श्रावस्ती में कच्ची दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत

अमेठी और बाराबंकी में जलभराव व करंट की घटनाएं

बिजनौर और मेरठ में गंगा के उफान से कई गांवों में पानी भर गया, एक बच्ची की मौत

प्रयागराज, वाराणसी और बुंदेलखंड में हालात नाजुक

प्रयागराज के करेला बाग और कमला नगर जैसे निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया है। नावों से लोगों को निकाला जा रहा है।

वाराणसी में अस्सी और दशाश्वमेध घाट पूरी तरह डूब चुके हैं।

बुंदेलखंड क्षेत्र, जो कभी सूखे के लिए जाना जाता था, अब बाढ़ से जूझ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तालाबों का अतिक्रमण, जलप्रवाह मार्गों की अनदेखी और शहरीकरण इसके पीछे मुख्य कारण हैं।

आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार:

7–8 अगस्त को पूर्वी यूपी में भारी बारिश की चेतावनी जारी है।

9–10 अगस्त से बारिश में कुछ कमी आने की संभावना है, जिससे रक्षाबंधन पर कुछ राहत मिल सकती है।

प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य

राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में 24×7 कंट्रोल रूम, राहत शिविर और अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है।

नावों और ट्रैक्टरों के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट भेजी है।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्रामीण इलाकों में लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं और प्रशासन लगातार राहत कार्यों में लगा हुआ है। स्थिति पर निगरानी के लिए जिला प्रशासन और SDRF की टीमें पूरी तरह मुस्तैद हैं।

 

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