प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को एक वैश्विक साइबर धोखाधड़ी से जुड़े मामले में दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और देहरादून में 11 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई और इस मामले के तार विदेशी नागरिकों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी और फर्जी कॉल सेंटर ऑपरेशन से जुड़े पाए गए।
किन जगहों पर हुई छापेमारी?
दिल्ली (खानपुर सहित)
नोएडा
गुरुग्राम
देहरादून (उत्तराखंड)
ईडी ने इन सभी शहरों में एक साथ कार्रवाई करते हुए साइबर फ्रॉड नेटवर्क से जुड़े दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, और संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी जब्त की है।
धोखाधड़ी का तरीका क्या था?
कई फर्जी कॉल सेंटर दिल्ली और नोएडा में चलाए जा रहे थे, जो खुद को टेक्निकल सपोर्ट कंपनियां बताकर अमेरिकी, ब्रिटिश और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से संपर्क करते थे। लोगों को उनके कंप्यूटर में वायरस का डर दिखाकर उन्हें फर्जी सॉफ्टवेयर और टेक्निकल सपोर्ट सेवाएं बेची जाती थीं पीड़ितों से ₹10,000 से लेकर ₹80,000 तक वसूले जाते थे, और पेमेंट अंतरराष्ट्रीय खातों में या क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से लिया जाता था।
अंतरराष्ट्रीय जाल और मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी को जांच में पता चला कि इस नेटवर्क के जरिए की गई कमाई को क्रिप्टोकरेंसी, हवाला नेटवर्क और विदेशी शेल कंपनियों के माध्यम से बाहर भेजा गया कुछ मामलों में पैसे दुबई और अमेरिका में स्थित खातों में ट्रांसफर किए गए। यह संकेत देता है कि यह मामला सिर्फ भारत तक सीमित नहीं, बल्कि ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क से जुड़ा है।
अन्य प्रमुख घटनाएं जुड़ी हुई
1. ₹100 करोड़ का कॉल सेंटर फ्रॉड – दिल्ली (खानपुर)
Microsoft सपोर्ट के नाम पर अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था। इसमें कई आईटी उपकरण और फर्जी स्क्रिप्ट जब्त की गईं।
2. नोएडा में पति-पत्नी का गिरोह – 11 गिरफ्तार
लोन दिलाने के नाम पर लोगों से प्रोसेसिंग फीस के रूप में पैसे ऐंठे जा रहे थे। फर्जी वेबसाइट और टेली-कॉलिंग का इस्तेमाल कर मासूम लोगों को निशाना बनाया गया।
3. CBI द्वारा उजागर ₹260 करोड़ बिटकॉइन फ्रॉड
दिल्ली-एनसीआर से संचालित एक गिरोह ने अमेरिका और कनाडा के वरिष्ठ नागरिकों को टारगेट कर बिटकॉइन के जरिए ₹260 करोड़ की ठगी की।
4. ₹640 करोड़ का चार्टर्ड अकाउंटेंट–क्रिप्टो सिंडिकेट
ED ने दिल्ली-एनसीआर में फाइनेंस एक्सपर्ट्स के गिरोह पर छापा मारा, जिनका उपयोग साइबर फ्रॉड के जरिए कमाई गए पैसों को वैध दिखाने में किया जाता था।
5. नोएडा में 18 लोगों की गिरफ्तारी
एक और मामले में अमेरिकी नागरिकों को नकली टेक सपोर्ट देकर ठगने वाले गिरोह के 18 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह TeamViewer जैसे ऐप्स से रिमोट एक्सेस लेकर सिस्टम हैक करता था।
जनता के लिए चेतावनी
किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर बैंक, OTP, पासवर्ड या अन्य निजी जानकारी साझा न करें।
कोई भी तकनीकी सपोर्ट या लोन कॉल आने पर उसकी सच्चाई की पूरी जांच करें।
हमेशा सरकारी और विश्वसनीय वेबसाइटों से ही ऐप या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें।
निष्कर्ष
प्रवर्तन निदेशालय की यह छापेमारी देशभर में फैल रहे साइबर अपराध नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ा कदम है। इससे जुड़े कई अन्य मामलों की जांच भी तेज़ी से चल रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और आरोपियों की गिरफ्तारी होगी और यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आगे बढ़ सकती है।
